Tuesday, October 7, 2008

हम ऐसे रिंद हैं मासूम , पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते

ऐरे गैरे सवाल का जवाब नहीं रखते

हकीकत में जीते हैं खाब नहीं रखते

हम ऐसे वैसे रिंद नहीं हैं मासूम जी

पीने पिलाने का हिसाब नहीं रखते

मुकेश मासूम

2 comments:

योगेन्द्र मौदगिल said...

भई वाह मासूम जी,
पीने-पिलाने का हिसाब रखना भी नहीं चाहिये...
जै हो..........

geet gazal ( गीत ग़ज़ल ) ) said...

aapka aabhari hu sir ji, aur apki rachnaon ka prashanshak bhi . shukriya