Friday, July 11, 2008

मेरे मन को तुम तो इतना भा गए हो

मेरे मन को तुम तो इतना भा गए हो
प्यार बनकर यार दिल पर छा गए हो

जब कभी यादों के पंछी गुनगुनाएं
चीरती दिल को चलें ठंडी हवाएं
ऐसा लगता जैसे की तुम आ गए हो ।

मैं तुम्हें मेरी जान इतना प्यार दूंगा ।
तेरे सदके अपना जीवन वार दूंगा
सुनके दिल की बात क्यों शर्मा गए हो।

हर घड़ी हर दम तुम्हें ही देखता हूँ
मन के मन्दिर में तुम्हें ही पूजता हूँ
ऐसा जादू तुम कहाँ से पा गए हो ।
-मुकेश कुमार मासूम
सूचना- ये सभी गीत-ग़ज़ल -कहानियाँ दी फ़िल्म रायटर्स असो; द्वारा पंजीकृत हैं । इनका व्यापारिक उपयोग कानूनी तरीके से वर्जित है...