Friday, August 1, 2008

मैं पी के टट्टू हो गया

मस्त- मस्त तेरे जोवन पे , मेरा दिल भी लट्टू हो गया ।

मैं पी के टट्टू हो गया, मैं पी के टट्टू हो गया ।

तेरे नैन कंटीले कजरारे , तेरे यौवन के फल गदरारे

इस गाँव के छोरे इब सारे ,तेरे इश्क में हो गए मतबारे ,

तेरे हुस्न का चखना चख-चख के ,अब मैं भी चट्टू हो गया।

तेरी टूनढी में लटके छल्ला ,मेरी जान लगे तू रसगुल्ला ,

इस गाँव में मच गया है हल्ला, आ प्यार करें खुल्लम-खुल्ला ,

सब पीकर हैं तुल्लम-तुल्ला , मैं मन से मिट्ठू हो गया।

सब आँख सेकते हैं क्वारे , रडू अन के वारे के न्यारे

तू बीअर खोल अरे प्यारे, बुद्धे भी जवानी में आरे

तेरे जिस्म से जानूं सतसत के ,अब मैं भी सत्तू हो गया

हुक्के पे हुक्का बजा रहे, बोतल पर बोतल मगा रहे

सुट्टे पे सुट्टा लगा रहे , और बिन पानी ही पिला रहे

बारात में आ-आ कर भइया , मासूम निखट्टू हो गया



- मुकेश मासूम

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