खाक में दिल के टुकड़े बिखर जायेंगे
खुश रहो हम सितमगर गुज़र जायेंगे
रात दिन तेरी यादों में रोता सनम
खून से मैं दामन भिगोता सनम
प्रीत के ये मोटी अब बिखर जायेंगे
Sunday, August 10, 2008
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तुझको अहले वफ़ा समझा था सारे जमाने से जुदा समझा था तू भी बेवफा निकला मासूम तुझे तो हमने खुदा समझा था
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