Thursday, August 28, 2008

मेरे मन को तुम तो इतना भा गए हो

मेरे मन को तुम तुम तो इतना भा गए हो

प्यार बनकर यार दिल पर छा गए हो

जब कभी यादों के पंछी गुनगुनाएं

चीरती दिल को चलें ठंडी हवाएं

ऐसा लगता जैसे की तुम आ गए हो

हर घड़ी हर हर दम तुम्हीं को देखता हूँ

मन के मन्दिर में तुम्हें ही पूजता हूँ

ऐसा जादू तुम कहाँ से पा गए हो

मैं तुम्हें मेरी जान इतना प्यार दूंगा

तेरे सदके अपना जीवन वार दूंगा

सुनकर दिल की बात क्यों शरमा गए हो

- मुकेश कुमार मासूम










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